भारत में छह ऋतुएं होती हैं और उनमें से एक बहार ऋतु का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। यह बसंत ऋतु फरवरी से अप्रैल के आस-पास होती है और प्रकृति को नया जीवन देने वाली है। इस ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य अपने चरम पर होता है और सारा दृश्य आत्मा को भी प्रेरित करता है।
बहार का आगमन प्रकृति की जागरूकता का संकेत है। सर्दी की ठंडक और गर्मी की ज्यादा तप्तता के बाद बहार आकर धरती को अपनी गोदी में लेती है। पेड़-पौधों का आदान-प्रदान होने लगता है और हरे-भरे रंगों का खौफ देखने को मिलता है।
बहार की धूप में फूलों की मिठास और खुशबू से भरी हवा हमारे मन को सुख-शान्ति का अहसास कराती है। फूलों की कोमलता और उनकी सुंदरता देखकर हर कोई प्रेरित होता है कि वह भी अपने जीवन को सुंदर बनाए रखे।
बहार के मौसम में आकाश में उड़ते हुए पक्षियों का दृश्य अद्भुत होता है। उनकी मधुर चहचहाहट सुनने में ही एक अलग मोहभंग है। यह मौसम खेतों में हरियाली बिखेरता है और खेतों को एक सुंदर कारपेट से ढंक देता है।
बहार का मौसम खुशी का संदेश लेकर आता है। यह एक नए आरंभ की ओर संकेत करता है और लोगों को नए उत्साह और ऊर्जा के साथ जीने का प्रेरणा देता है। इस समय लोग बालकनियों में बैठकर बहार का आनंद लेते हैं और अपने दिल की बातें साझा करते हैं।
समाप्त में, बहार ऋतु हमें नए जीवन की शुरुआत का आनंद देती है। यह एक नए आरंभ की ओर हमें बढ़ने के लिए प्रेरित करती है और हमारे जीवन में नई ऊर्जा भर देती है। इसलिए, बहार की ऋतु का आनंद लें और प्रकृति के सौंदर्य का लुफ्त उठाएं।